सारी दुनिया गलत करे, करने दे न यार!
मैं काहे को गलत करूं, उत्तम यही विचार
मैं काहे को गलत करूं, उत्तम यही विचार
यह दुनिया आदर्श नहीं, ना कल थी ना आज
तेरे-मेरे सद्कर्मों से, सुंदर बने समाज
तेरे-मेरे सद्कर्मों से, सुंदर बने समाज
कुछ लोगों को भ्रष्ट देख, काहे तू मुस्काय
हर इक बंदा भ्रष्ट नहीं, पूरी नज़र फिराय
हर इक बंदा भ्रष्ट नहीं, पूरी नज़र फिराय
देख चालाकी जगत की, काहे तू घबराय
वो जग को मैला करें, तू सुंदर इसे बनाय
वो जग को मैला करें, तू सुंदर इसे बनाय
मन को तू मजबूत कर, मन को ना बिसराय
मन से ताकत लेकर, मन मजबूत बनाय
मन से ताकत लेकर, मन मजबूत बनाय