अप्रैल, 1915 में गांधी जी पहली बार उत्तराखंड आये। तब वे गुरुकुल कांगड़ी में स्वामी श्रद्धानंद से मिलने आये थे । उन दिनों वे ऋषिकेश और ज्वालापुर महाविद्यालय भी गए। गांधीजी हरिद्वार-ऋषिकेश के प्राकृतिक सौन्दर्य से बहुत प्रभावित हुए, पर वहां फैली गंदगी ने उन्हें दुखी कर दिया । उसी दौरान उत्तराखंड वालों ने गांधीजी की हंसी-मजाक में गहरी बात कहने का हुनर भी देखा।
पेश है बातचीत की दूसरी कड़ी ।
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