Tuesday, September 2, 2025
मेजर जनरल नीलेन्द्र कुमार के साथ "उत्तराखंड में गांधी : यात्रा व विचार" पर चर्चा -1
मेजर जनरल नीलेन्द्र कुमार के साथ पहली मुलाकात गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में हुई, अप्रैल महीने में - "उत्तराखंड में गांधी : यात्रा व विचार" पर चर्चा के दौरान । कुछ दिनों बाद उनके स्टूडियो में हमने इस पुस्तक पर विस्तार से बातचीत रिकॉर्ड की । पेश है इस बातचीत की पहली कड़ी ।
मेजर जनरल नीलेन्द्र कुमार के साथ "उत्तराखंड में गांधी : यात्रा व विचार" पर चर्चा -2
अप्रैल, 1915 में गांधी जी पहली बार उत्तराखंड आये। तब वे गुरुकुल कांगड़ी में स्वामी श्रद्धानंद से मिलने आये थे । उन दिनों वे ऋषिकेश और ज्वालापुर महाविद्यालय भी गए। गांधीजी हरिद्वार-ऋषिकेश के प्राकृतिक सौन्दर्य से बहुत प्रभावित हुए, पर वहां फैली गंदगी ने उन्हें दुखी कर दिया । उसी दौरान उत्तराखंड वालों ने गांधीजी की हंसी-मजाक में गहरी बात कहने का हुनर भी देखा।
पेश है बातचीत की दूसरी कड़ी ।
मेजर जनरल नीलेन्द्र कुमार के साथ "उत्तराखंड में गांधी : यात्रा व विचार" पर चर्चा - 3
अप्रैल 1915 में गांधीजी पहली बार उत्तराखंड आए । उन दिनों हरिद्वार में कुंभ का मेला चल रहा था। उस दौरान गांधीजी ने भोजन संबंधी दो कठिन व्रत लिए, जिनका जिक्र उन्होने अपनी आत्मकथा में भी किया है । क्या थे वे व्रत, यह बातचीत उसी पर रही ।
पेश है इस बातचीत की तीसरी कड़ी।
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https://youtu.be/5OfOL6wObKw?si=pMwObNwOE-A8ills
मेजर जनरल नीलेन्द्र कुमार के साथ "उत्तराखंड में गांधी : यात्रा व विचार" पर चर्चा - 4
गांधीजी का अपनी राजनीतिक यात्राओं के दौरान धन संग्रह जारी रहता था । जिस गाँव, कसबे व जिले से कितना धन संग्रह हुआ, इसका हिसाब वे प्रकाशित करवाते थे । वे बहुत बारीकी से इसका हिसाब रखते और खुद उसे जाँचते थे । उनका मानना था कि जब जनता हमें सहयोग देती है तो असल में वह हमें अपना विश्वास सौंप रही होती है, इसलिए उसकी रक्षा करना बहुत जरूरी है । उनकी इस आदत को उत्तराखंड के लोगों ने प्रत्यक्ष देखा । एक चर्चा ऐसी ही कुछ घटनाओं पर हुई ।