फूलदेई उत्तराखंड में बसंत के आगमन पर नौनिहालों द्वारा मनाया जाने वाला एक लोक पर्व है जिसमें बसंत के स्वागत के लिए बच्चे घरों की दहलीज पर फूल डाल कर शुभत्व की कामना से इस उत्सव को मानते हैं। पूर्णतः बच्चों का ये उत्सव स्वयं में प्रकृति से जुड़ाव और रंगों का अद्भुत पर्व है। 14 मार्च से 14 अप्रैल तक चलने वाले इस पर्व को धाद बच्चों को रचनात्मकता से जोड़ कर मना रही है। इस क्रम में बाल-साहित्य से जुड़े रचनाधर्मियों से बातचीत करना भी शामिल है ।
20 मार्च 2021 को हमारी बात हुई पिछले 20 वर्षों से बाल साहित्य से जुड़े द्विजेंद्र कुमार से। उन्होंने सम्पादन, अनुवाद व लेखन के अलावा 100 से ज्यादा विशिष्ट कार्यशालाएं आयोजित की हैं। बाल पुस्तकों, पत्रिकाओं व कार्यशालाओं पर उनके अनुभव व विचारों पर उनसे बात की सुनील भट्ट ने ।
1 comment:
सर क्या आपके पास 'गढवाल जाति प्रकाश' पुस्तक है, इस पुस्तक की प्रति मिल सकती है।? आपके दूसरे ब्लॉग पर इस पुस्तक के बारे में आपने बताया है।
या फोटोकॉपी उपलब्ध है। कृपया अवगत करें।
सादर प्रणाम।
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